बकरी ओर उसके तीन बच्चे।
आज हम पड़ेगे बहुत ही मजेदार कहानी जिसमे एक बकरी है और उसके तीन नन्हे बच्चे।
उन के नाम चुन्नू , मून्नु ओर टुन्नू थे। वो पूरा दिन बहुत शरारते करते थे। बहुत प्यारे ओर नटखट थे तीनो ही। लेकिन तब हद हो जाती जब तीनों शरारते करते करते हुए खाना पीना सब भूल जाते।
चुन्नू बहुत चंचल स्वभाव का था। उसका अपनी इच्छा पर कोई भी नियंत्रण नही था।
मुन्नू बहुत ही समझदार था। वह समझ से हर समस्या का समाधान निकाल लेता था।
टुन्नू बहुत कोमल हृदय वाला था वह अपने दोनों भाइयों के बिना नही रह सकता था।
एक दिन उनके क्षेत्र मे एक भेड़िया आ गया। बकरी आज खाने की तलाश में निकलने से पहले बच्चो को समझा गई कि घर से बाहर मत जाना चाहे कुछ भी हों।
बच्चे समझ गये । वो घर के अन्दर ही बॉल से खेलने लगे लकिन बॉल घर से बाहर चली गयी। चुन्नू का खेल को बीच मे छोड़ने का बिल्कुल भी मन नहीँ था। वह बकरी के मना करने पर भी बाहर गया और उसने सोचा कि भाग कर मैं तो एक मिनट में ले आऊँगा अपनी बॉल।
वह जैसे ही वहाँ पहुंचा तभी भेड़िया वहां पर आया और उसने उसे दबोच लिया। चुन्नू की जान आफ़त में आ गयी।
तभी टुन्नू दौड़ा ओर बोला भेड़िये मामा आप मुझे खा लो मैं मून्नु के बिना नहीं जिंदा रह पाऊँगा।
भेड़िया खुश हो गया आज तो दो दो ताज़ा शिकार जो मिल गए थे उसे।
तभी मुन्नू चिल्लाया भागो शिकारी आ गये चुन्नू , टुन्नू वो मार डालेंगे हमें यह सुन कर भेड़िया डर गया और चुन्नू, टुन्नू को छोड़ कर भाग कर घर में घुस गया।
मून्नु ने दरवाजा बंद कर दिया और भेड़िया फस गया।
शिक्षा
1- एकता में बल है तीनो भाइयों के सहयोग ने चुन्नू की जान बचाई।
2- चचंल स्वभाव में सावधानी नही भूलनी चाहिए।
3- बुद्धि बल से ज्यादा ताकतवर है।
No comments:
Post a Comment