नमस्कार बच्चों स्वागत है आपका और मैं लाई हूं आज आपके लिए एक नई और बड़ी ही मज़ेदार कहानी
जिसका शीर्षक है - घमंडी का सिर हमेशा नीचा ही होता है ओर यह बहुत ही शिक्षाप्रद कहानी है।
कहा जाता है कि घमंडी का सिर हमेशा नीचा ही होता है यही बात समझने के लिए आज हम पड़ेंगे यह छोटी सी कहानी।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह कहानी आपको बहुत ही पसंद आयेगी चलो अब ज्यादा समय व्यर्थ ना करते हुए कहानी की शुरुआत करते हैं।
एक गुलाब का फूल था जिसको अपनी सुंदरता पर बडा ही घमंड था।
उसी के पास एक बड़ा पत्थर पड़ा रहता था।
जिसे देखकर वह फूल हमेशा हंसता और उसका मजाक उड़ा था।
वह हमेशा उसको कहता है पत्थर देखो मैं तो कितना खूबसूरत हूं और तुम्हें देखो तुम्हें तो जो भी आता है ठोकर मार कर चला जाता है।
वह फूल हंस कर उसका मजाक उड़ाता हमेशा हंसता रहता।
वह हमेशा पत्थर को चिढ़ाता और कहता मेरी खूबसूरती तो देखो जो भी आता है मेरी तरफ आकर्षित जरूर होता है।
वह पत्थर से कहता तुम तो इतने बदसूरत हो तुम्हें तो कोई देखना भी पसंद नहीं करता।
फिर वह हंसता और कहता अपना अपना भाग्य है भगवान ने किसी को पूछने के लिए ही बनाया है और किसी को ठोकर खाने के लिए।
लेकिन बच्चों घमंडी का सिर तो हमेशा नीचा ही होता है।
एक दिन सौभाग्य से एक शिल्पकार उस बगीचे में आया
और उसकी दृष्टि उस पत्थर पर पड़।वह उसे उठाकर ले गया और उसने उससे एक सुंदर मूर्ति बनाकर उसको मंदिर में प्रतिष्ठित करवा दिया।
अब उस पत्थर के चरणों में हजारों फूल रोज चढ़ने लगे ओर यह देखकर उसके साथ में पड़ा हुआ Patthar खुश हो गया और उसने उस गुलाब के फूल को कहा--
कि हे फूल तू अपनी सुंदरता पर इतना घमंड करता है आज देख मेरे दोस्त के चरणों में तेरे जैसे हजारों फूल पड़े हैं
यह सुन कर फूल का सर शर्म से झुक गया।
शिक्षा -- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए नहीं तो हमें शर्म से अपना सिर झुकाना पड़ सकता है हमेशा स्वाभिमान से जिए ना कि घमंडी बनकर।।
आशा करती हूं की आप को मेरी यह कहानी पसंद आई होगी और अगर सही में पसंद आई है तो कृपया अपने ग्रुप में इसे शेयर करना ना भूले.
NYC...that's great❤❤❤😍
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