बुद्धिमान उल्लू। the wiser owl.
आओ आज हम कहानी पड़े एक उल्लू की जो बुद्धिमान बन गया। पर कैसे???
अगर कोई व्यक्ति भी मूर्खता की बात करे तो उसकी तुलना उल्लू से की जाती है। ऐसे में एक उल्लू ने ठानी की वह सबसे समझदार बनेगा।
लेकिन कैसे बने ये उसे समझ नही आ रहा था । फिर उसे लगा कि क्यों न आते जाते सभी की बाते सुनी जाएं और इससे मनुष्यों की तरह ही ज्ञानी बना जाये।
अब उसने ज्ञान सीखना शुरू कर दिया था।
पहले दिन उसने देखा कि एक बूढ़ा व्यक्ति आ रहा था और उस से सड़क पार नही हो रही थी तभी एक बच्चा आया और उसने उस वृद्ध की मदद की।
अगले दिन उसने देखा कि दो बच्चे स्कूल के अध्यापक की बुराई करते हुए स्कूल जा रहे हैं।
तीसरे दिन दो युवक जा रहे थे जो कि बात कर रहे थे कि जंगल मे भूत है।
अभी तो उल्लू को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि कोन सही ह कोन गलत। आखिर ज्ञान प्राप्ति में समय तो लगता ही है।
पर उल्लू ने हिम्मत नही हारी वो रोज सुबह बैठ कर सबकी बातें सुनता ओर सुनता ही जाता। रात होने पर वह उन बातों को समझने की कोशिश करता।
रोज यही होने लगा मनुष्यो की ढेरों बातें ओर धैर्य वाला उल्लू जो चुप चाप सुनता ही जा रहा था और सुनते सुनते, समझते समझते वो बुद्धिमान बनता गया। हर दिन वह ओर भी ज्यादा गुणवत्ता को प्राप्त करता। हर दिन वह ओर भी ज्यादा समझदार बन जाता।
अंत मे उल्लू बन गया एक श्री बुद्धि वान उल्लू।
शिक्षा- जो व्यक्ति सुनता अधिक है और बोलता कम है उसे बुद्धिमान बनने से कोई नही रोक सकता। क्योंकि ज्यादा बोलना विवेक को नष्ट करता जाता है ओर अधिक सुनना विवेक की शक्ति बढ़ाता है।
तभी कहते है न
Speak but listen more
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