राजा की लम्बी बीमारी
एक राज्य मे एक राजा था। वह बहुत बीमार हो गया। दूर- दूर से वैध बुलाये गए। पर किसी को राजा की बीमारी समझ नही आई। सभी बहुत परेशान हो गये।
राजा ने घोषणा करवाई जो मेरा इलाज करेगा। उसे राज्य का सेनापति घोषित किया जायेगा।
उसी राज्य में एक किसान था। वह बहुत गरीब था। वह काफी बुद्धिमान भी था। उसने यह घोषणा सुनी तो दावा किया कि वह इलाज कर देगा।
यह सुन कर सब हैरान हो गये । राजा ने कहा कि तुम तो किसान हो मेरा इलाज कैसे करोगे? किसान बोला मैं एक टोटका जानता हूँ। जिस से आप एकदम स्वस्थ हो जाओगे।
लेकिन वो रोज आपको ही करना होगा ।
राजा ने कहा कि अगर मैं ठीक हो जाऊंगा तो मै ये जरूर करूँ गा।
किसान ने कहा कि रोज आप अपने बगीचे में जाये और नींबू तोड़े उसे अपने कक्ष में रखे । ऐसे हर रोज आपको दस बार जाना है और नींबू तोड़ कर लाने है। एक चक्कर मे एक ही नींबू लाना है।
राजा ने कहा मैं इतना बीमार हु की बिस्तर से नही उठ सकता ये मुझ से कैसे होगा? किसान ने कहा कि करना तो आपको ही है वो भी लगातार चालीस दिन ।
राजा के पास ओर कोई चारा नही था क्योंकि सभी वैध उसका इलाज नही कर पाए थे।
राजा ने पहले दिन ये उपाय शुरू किया। पहले दिन पूरा दिन लग गया उसे ये करने में ओर उसने बार बार पानी पिया ओर किया वह बहुत थक गया और सो गया
अगले दिन वह फिर उठा और उपाय में लग गया आज समय तो उतना ही लगा पर वह कम थकावट महसूस कर रहा था।
१० वे दिन उसने यह उपाय बिना थके ६ घण्टो में ही कर लिया। और अब वो कुछ ठीक भी महसूस करने लगा।
२० वे दिन उसने ३ घण्टे में ही काम कर लिया।
फिर उसे काम का भार महसूस होना बंद हो गया वो काफी ठीक हो गया।
४० दिनों तक वो एकदम ठीक हो गया।
उसने किसान को बुलाया इनाम के लिये। किसान आया तो राजा ने उसे शुक्रिया कह के उसे सेनापति नियुक्त कर दिया। राजा ने पूछा कि मझे क्या हुआ था।
किसान ने कहा आपको कोई बीमारी नही हुई थी दरसल आप आराम की जिंदगी बिता रहे थे काफी सालो से सभी काम सेवको से करवाया जाता था। तो आपके शरीर को आलस्य की बीमारी हो गयी। और आपकी इन्द्रियों ने काम करना बंद कर दिया। मैने जो आपको बताया वो कोई टोटका नही था । वो तो बस एक व्यायाम था जिसे सैर कहते हैं।
शिक्षा- आलस्य सबसे बड़ा रोग है। और इसका इलाज हमे खुद ही करना है। इसे त्याग कर।।।।।
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