ये कहानी है दो भाइयों की एक का नाम चुन्नू था और दूसरे का मुन्नू। दोनो जुड़वा थे। बहुत शरारती ओर नटखट थे दोनो ही लेकिन बहुत प्यारे भी।
वो दोनों पूरा दिन शरारत करते रहते थे। लेकिन वो दोनो एक चीज को देख कर लड़ पड़ते थे। इसलिए हर चीज उनके लिये एक जैसी ओर दो आती थी। ताकि वो ना लड़े। इस बात से उनके माता पिता बहुत परेशान थे। लेकिन करते भी क्या उन दोनों को समझाने की उन्होंने बहुत कोशिश की पर कोई फायदा नही हुआ।
एक दिन चुन्नू मुन्नू स्कूल से लौटे तो माँ घर पर नही थी सामने मेज पर एक जूस का गिलास रखा था। चुन्नू की नजर उस पर पड़ी वो दौड़ उसे लेने के लिये। तभी मुन्नू ने यह देखा तो वो भी दौड़ा। चुन्नू ने गिलास उठा लिया और जैसे ही पीने लगा मुन्नू ने गिलास खींचना शुरू किया वो कहता कि ये मुझे दो मै पियूँगा। दोनो में लड़ाई हो गयी । और ईस लड़ाई में गिलास नीचे गिर कर टूट गया।
दोनो को भूख लगी थी मगर गिलास टूट गया। अब वो दोनो रोने लगे। लेकिन ये क्या रसोई में एक गिलास जूस ओर रखा था। उस पर मुन्नू की नजर पड़ी। माँ को पता था कि दोनों को हर चीज अलग चाहिए इसलिये वो दो गिलास जूस के रख कर गयी थी। लकिन जल्दी जल्दी में शायद वो एक गिलास रसोई में ही छोड़ गई।
मुन्नू दौड़ा ओर गिलास उठा लाया। मुन्नू ने चुन्नू को कहा कि लो ये गिलास तुम पी लो । मेरी वजह से पहला गिलास टूट गया। तो चुन्नू बोला नही भाई गलती मेरी ही थी । लड़ाई मै भी तो कर रहा था।
इतने में माँ आ गयी ओर दोनो भाइयों मे ये बदलाव देक्ज कर खुश हो गयी। वह बोली कि चुन्नू आधा गिलास तुम पी लो और मून्नु आधा तुम पी लो। दोनों को जूस मिल जायेगा और साथ बांट के पीने से प्यार बढ़ेगा।
दोनो खुश हो गए और अब दोनों भाई मिल जुल कर रहने लगे। वो हर चीज बांट के इस्तेमाल करते थे। ओर ये देख कर उनके माता पिता भी प्रसन्न हो गए।
सीख:: मिलजुल कर रहना चाहिए। लड़ाई में हमेशा नुकसान होता है। लेकिन प्यार से रहने पर हमेशा अच्छ होता है। साथ मिलकर हर परेशानी का हल निकला जा सकता है।
संगठन में बल है।।।
एकता में ताकत है।।।
प्यार से रहने में ही भाईचारा है।।।
बांट के खाने में ही प्यार है।।।
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