सिंडरेला ओर राजकुमार।
हर लड़की बचपन से ही कहानी सुनती है उसके सपनो के राजकुमार की। सिंडरेला भी यही कहानियां सुनकर बड़ी हुई कि उसका राजकुमार दो सफेद घोड़ों पर आयगा ओर उसे सपनो की दुनिया मे ले जायेगा।
लेकिन उसकी जिंदगी में अचानक एक तूफान आया जो उसकी माँ को ले गया। उसकी माँ चल बसी। उसके पिताजी एक व्यापारी थे वह अब सिंडरेला के पास हमेशा नही रह सकते थे और सिंडरेला पूरा दिन माँ को याद कर के रोती रहती थी। यह देख उसके पिताजी ने दूसरी शादी कर ली। उसकी सौतेली माँ की दो और बेटियां भी थी। सिंडरेला सबको देख कर बहुत खुश हुई। लेकिन सिंडरेला बहुत सुंदर थी जिसके कारण उसकी सौतेली माँ और उसकी बेटियां उस से जल गई थी।
अभी दुख के बादल छटे भी नही थे कि सिंडरेला के पिताजी काम के लिये बाहर गए और फिर कभी नही लोटे। वो बहुत ही दुखी हो गयी। लेकिन अब उसकी सौतेली माँ और बहनों का पूरे घर पर राज हो गया।
वो पूरा दिन सिंडरेला से नोकरो की तरह काम करवाती ओर अपना जूठा खाना उसे खाने को देती ।कभी कभी तो सिंडरेला भूखी भी सो जाती थी।
वह फिर से पूरा दिन रोती रहती और उसका दुख देख कर चूहे ओर चिड़िया उसके दोस्त बन गये।
एक दिन राजा के यहाँ से घोषणा हुई कि एक बड़ा सम्मेलन होगा जिसमें पूरा गांव को बुलाया गया और कवारी कन्याओं को भी क्योंकि उनमें से एक को राजकुमार के लिये चुना जाना था।
सिंडरेला की बहने जाने के लिये तैयार होने लगी । सिंडरेला ने उन्हें खूब सजाया क्योंकि सिंडरेला एक नेक दिल वाली लड़की थी। लेकिन जब उसने माँ से पूछा कि क्या वो भी जा सकती हैं। तो उसकी माँ ने कहा कि उसके पास तो अच्छे कपड़े नही है इसलिये वो नही जा सकती।
वो अपने कमरे में गयी वहां पर उसकी माँ का शादी का गाऊन रखा था पर वह बहुत पुराना ओर फटा हुआ था वो इसे सिलने लगी जिसमे चूहों ने ओर चिड़िया ने उसकी मदद की ओर वो तैयार हो कर नीचे आ गयी। उसके कपड़े अच्छे नही थे पर तब भी वह बहुत सुंदर लग रही थी जिस के कारण उसकी बहने चिढ़ गई और ग़ुस्से में उन्होंने उसका गाऊन फाड़ दिया और वो माँ के साथ चली गयी महल में।
सिंडरेला बहुत रोने लगी कि तभी एक बहुत खूबसूरत परी प्रकट हुई और बोली कि तुम नेक दिल हो मैं तुम्हारी मदद करना चाहती हूँ।
उसने छड़ी से जादू किया और सिंडरेला का फटा हुआ गाऊन एक बेहतरीन गाऊन में बदल गया। उसके पैर में कांच की सुंदर सैंडल आ गयी और वहाँ रखा कददू रथ में बदल गया। चूहे घोड़े बन गए और चिड़िया एक सारथी।
सिंडरेला फटाफट रथ पर चढ़ गई लेकिन परी ने कहा कि एक बात मत भूलना रात को 12 बजे से पहले ही घर पर आ जाना नही तो ये सब गायब हो जायेगा। सिंडरेला ने कहा ठीक है।
सिंडरेला जैसे ही महल पहुंची ।।।
राजकुमार की नजरें उस पर पड़ी और उसे उन्होंने अपने साथ नृत्य करने के लिये बुलाया। वो उस पर से नजरे हटा ही नही रहे थे। बाकी सभी लड़कियां ये देख कर जल गई। लेकिन सिंडरेला भूल गयी कि उसे 12 बजने से पहले ही वापस जाना है वह भी राजकुमार को देख कर मानो सभी दुख भूल गई थी। तभी उसे अचानक याद आया कि उसे घर लौटना है उसने घड़ी देखी तो 11:55 हुए थे वो भागी वहाँ से। राजकुमार भी पीछे भागा पर उसे बाहर कोई नही दिखाई दिया। लेकिन सिंडरेला की एक सैंडल टूट गयी थी जो वही पड़ी थी।
राजकुमार ने उसे उठाया और घोषणा की मैं कल सबके घर आऊँगा ओर अपने हाथों से ये सैंडल सभी लड़कियों को पहनाऊंगा जिसे ये फिट हो गयी वोही मेरी राजकुमारी होगी।
घर आने पर माँ ने गुस्सा होकर सिंडरेला को कमरे में बंद कर दिया। जब सुबह हुई तो राजकुमार सभी के घर गए लेकिन वो सैंडल किसी को फिट नही हुई और अंत मे वो सिंडरेला के घर आये।
माँ ने अपनी बेटियों को बुलाया और हर कशिश की उन्हें वो सैंडल पहनाने की पर वो फिट नही हुई। अब राजकुमार की नजर बन्द कमरे पर पड़ी जहां चुहे ओर चिड़िया शोर कर रहे थे उसने ताला तोड़ा ओर अन्दर गया। ये क्या अंदर एक लड़की बैठी थी जिसके कपड़े फ़टे हुए थे। राजकुमार ने पूछा की कल तुम महल से आई थी? ये सैंडल तुम्हारी है? पर सिंडरेला ने जब बहन को देखा तो उसने कहा कि ये सेंडल इन दोनों में से एक कि है मै तो कल नही गयी थी महल।
राजकुमार को पूरा यकीन था की यही है वो लड़की। उन्होंने जैसे ही सैंडल उसे पहनाई वो फिट हो गयी। राजकुमार उसके कदमो में बैठ गया और उसे शादी करने के लिये कहने लगा। वो मान गयी।
अंत में उसे राजकुमार मिल ही गया। और नेकी की जीत हुई।। सिंडरेला महल में राजकुमार के साथ खुशी खुशी रहने लगी।
अच्छाई को नही छुपाया जा सकता। बुराई की कभी नही जीत होती। भगवान भी अच्छे इंसान की मदद करने जरूर आते हैं।
एक घड़े मे अच्छाई रखो ओर बांटो वो कभी खाली नही होगा।
एक घड़े में बुराई भरो ओर भरते ही जाओ वो घड़ा फुट जाएगा।
धन्यवाद।।
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