साहसी चिड़िया।
एक जंगल था जो बहुत ही घना था। उसमें कई जानवर रहते थे। वहीं एक छोटी सी प्यारी सी चिड़िया भी थी जो थी तो छोटी पर बहुत ही बहादुर थी।
एक बार उस जंगल मे आग लग गयी । सभी जानवर जान बचाकर भागने लगे। तभी चिड़िया ने सोचा कि इसका मुक़ाबला करना चाहिए। किसी ओर जंगल मे भी तो रहना आसान नही होगा। अपना घर छोड़ कर भाग जाना कहाँ की समझदारी है।
उसे एक तरकीब सूझी वो पास के तालाब से चोंच में पानी भर कर लाती ओर उसे आग में डालती। वो बार बार पानी भर कर लाती ओर आग में डालती।
ये देख कर सभी जानवर बोले कि चिड़िया तुम ये क्या कर रही हो एक एक बूंद पानी से ये भीषण आग नही बुझेगी। जान बचा के भागो हमारे साथ दूसरे जंगल मे नया घर बना लेंगे।
चिड़िया बोली कि आग को मेरे लिये बुझाना आसान नही है। पर घर छोड़कर जाना भी तो आसान नही है। इसलिए मैं अपनी आखिरी सांस तक कोशिश करुँगी औऱ अगर आप सभी साथ दो तो ये आग जल्दी ही बुझ जायेगी।
छोटी चिड़िया ने सबका होंसला बड़ा दिया। फिर क्या था हाथी सूंड में पानी भर कर लाये, पक्षी चोंच में , बन्दरो ने हरे पत्ते आग में डाले और शेर लोमड़ी आदि ने मिट्टी खोदी ओर डाली। आग झट से बुझ गयी।
सभी बहुत खुश हुए।।।।
ओर फिर जंगल मे आराम से रहने लगें। चिड़िया को बहादुरी के पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।
धन्यवाद।।
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इस कहानी की एक नही कई शिक्षा है।
1::: इंसान छोटा उमर या आकार से नहीं होता। अगर हौंसला बुलन्द हो तो वो बड़ो को भी कुछ सिखा सकता है।
2:: संगठन में बल है।।
3:: एक हौसले वाला व्यक्ति हर एक कि शक्ति को बढ़ाता है। ओर डरपोक व्यक्ति भय ही फैलाता है।
4:: अपना घर छोड़ना समझदारी नहीं होती परिस्थितियों को अनुकूल करने की कोशिश करनी चाहिए भागने की बजाए।
5:: मिलजुलकर परेशानी का हल निकल पाना ओर भी आसान हो जाता है।
6:: कई बार परिवार का सबसे छोटा बच्चा भी परिवार को एक नई ओर अच्छी राह दिखा देता है। इसलिये बच्चों को कभी कमजोर ना समझे।।।
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