एक बार की बात है एक जंगल था। जैसे कि हर जंगल का राजा शेर होता है उस जंगल का भी राजा शेर ही था। हर राजा को अपनी प्रजा का खयाल रखना चाहिए। लेकिन यहाँ एकदम उल्टा था। शेर को केवल अपने से ही प्यार था। वो जो भी जानवर देखता उसे मार कर खा जाता।
उसके इस बर्ताव से सभी जंगल के जीव परेशान थे। पर करते भी तो क्या जो शेर से बात करने जाता शेर उसे ही खा जाता। इससे सभी जीव डरे डरे रहने लगें। उनका सुकून ही छिन गया। लेकिन वहाँ एक छोटा सा चूहा था जो बहुत ही बुद्धिमान था।
वह बोला क्यों न हम सभी मिलकर शेर से बात करे और उसे समझाए। सभी को लगा कि ठीक बात है रोज रोज डर डर के जीने से तो अच्छा है कि एक बार हिम्मत कर के बात कर ले। लेकिन शेर को बुला के कोन लाएगा ये समस्या थी। चूहे ने कहा कि मेरी बतायी हुई जगह पर आप सभी पहुँच जाओ मै उसे बुला लाऊँगा। वह शेर के पास गया। शेर खुश हो गया कि आज तो शिकार खुद चलकरआया है। वो जैसे ही झपकते हुए चूहे की ओर बड़ा। चूहा बोला मुझे खा लेना पर मुझे खाने से महाराज आपका पेट नही भरेगा।
मै आपको वहां लेकर जा सकता हूँ जहाँ बहुत सारे जानवर हैं। शेर ने सोचा कि बात तो ठीक है इसे खा कर तो मेरी दाढ़ भी गीली नहीं होगी। इसके साथ चलता हूँ। शायद पार्टी हो जाये।
शेर चूहे के साथ जैसे ही वहाँ पहुंचा वहाँ तो कोई नहीं था। शेर ने गुस्से से कहा कि यहाँ तो कोई नही है तो चूहा बोल लगता है आपसे डर कर सभी छुप गए हैं इस कुएं मे । शेर कुँए की तरफ बड़ा और अंदर झांकने लगा इतने में सभी जानवरों ने मिलकर उसे कुँए में धकेल दिया।
शेर डूबने लगा । चूहे ने कहा कि हाथी दादा तुम्हें बाहर निकाल देगे लेकिन तुम वादा करो कि अब हमें नही मारो
गे शेर बहुत घमण्डी था वह बोला कि एक बार मैं बाहर तो निकल जाऊ फिर तुम में से कीसी को नहीं छोडूंगा। यह देख कर बूढ़े हाथी ने कहा कि इसे मर जाने दो इस पर दया का कोई फायदा नही है। ये घमण्डी है जो कभी नही सुधरेगया।
अब शेर के पुत्र को राजा बनाने का फैसला हुआ वह बहुत ही दयालु था। लेकिन उसने कहा कि मैं आप सभी की हमेशा
शेर डूबने लगा । चूहे ने कहा कि हाथी दादा तुम्हें बाहर निकाल देगे लेकिन तुम वादा करो कि अब हमें नही मारो
गे शेर बहुत घमण्डी था वह बोला कि एक बार मैं बाहर तो निकल जाऊ फिर तुम में से कीसी को नहीं छोडूंगा। यह देख कर बूढ़े हाथी ने कहा कि इसे मर जाने दो इस पर दया का कोई फायदा नही है। ये घमण्डी है जो कभी नही सुधरेगया।
अब शेर के पुत्र को राजा बनाने का फैसला हुआ वह बहुत ही दयालु था। लेकिन उसने कहा कि मैं आप सभी की हमेशा
रक्षा करूगा। लेकिन आप तो काफी समझदार है। इसलिय अब से कोई राजा नही होगा। सभी मिल जुल कर रहेंगे और सभी समस्याओं का हल निकलेगें। यह सुनकर सभी प्रसन्न हुए।
शिक्षा-1 छोटा सा चूहा भी बुद्धिमत्ता से बड़े शेर को हरा सकता है
2- घमण्ड का हमेशा नाश होता है।
3- ज्यादा के लालच में सर्वनाश होता है। जितनी भूख हो उतना ही खाए।
4- एकता में बल है।
5- बहादुरी में ही जीत है। अगर नन्हा चूहा भी डर जाता तो शेर कभी नही मरता। उसकी बहादुरी ने ही शेर को हराया।
6- डर के आगे जीत है।
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