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Tuesday, January 16, 2018

कछुए ओर खरगोश की कहानी। छोटी कहानियां बढ़ी सीख। रेस होगी बार बार।

कछुए ओर खरगोश की कहानी।

एक जंगल मे एक खरगोश था ।वह बहुत तेज दौड़ता था। उसे अपनी तेज रफ्तार पर बहुत घमण्ड हो गया था। वो हर एक को चुनोती देता की मेरे साथ रेस कर और जीत के दिखा।

उसी जंगल मे एक कछुआ था जो बहुत समझदार था। उसने खरगोश के घमण्ड को चकनाचूर करने की सोची। 

ओर उसने इस बार खरगोश को सामने से चुनोती दी और कहा कि मेरे साथ रेस कर और जीत के दिखा। खरगोश खुश था और मन ही मन कछुए की मूर्खता पर हस रहा था।

रेस शुरू हो गयी । खरगोश को पता था कि भारी भरकम कछुआ सात जन्मों में भी उसे नही हरा सकता। वो थोड़ी देर दौड़ने के बाद रास्ते मे गाजर खाने लगा और जब उसने देखा कि कछुआ दूर दूर तक नही दिख रहा तो उसने सोचा थोड़ा आराम ही कर लेता हूं और वो सो गया।

लेकिन कछुआ धीरे धीरे चलता ही रहा ओर जीत गया। 

Moral::   घमण्डी का सिर हमेशा झुकता है। 

कहानी 2। दुबारा रेस।।।


इस बार खरगोश समझ गया कि उसकी हार का कारण उसका OVER CONFIDENCE था और अगले दिन उसने फिर चुनोती दी।

कछुए को पता था कि इस बार खरगोश को हार से सीख मिल गयी है। उसने फिर से चुनोती स्वीकार की। फिर रेस शुरू हो गई।

इस बार खरगोश दौड़ता गया और उसने लगातार दौड़ कर इस बार रेस जीती। 

MORAL:: पूरी काबिलियत से काम करो सफलता जरूर मिलेगी।।।।

कहानी 3।। 





कछुए ने देखा कि खरगोश फिर अपने आपको कछुए से बेहतर समझ रहा है। उसने फिर उसको चुनौती दी कि फिर से रेस करो लेकिन इस बार रास्ता उसका होगा।


खरगोश ने इस बार फिर से स्वीकार की क्योकी खरगोश को अपनी काबिलियत पर पूरा भरोसा था।

रेस शुरू हुई खरगोश बहुत आगे था। लेकिन ये क्या आगे तो एक तालाब था। खरगोश रुक गया वो उसे पार नही कर सकता था वो वही रुक गया।

कछुआ आया और तालाब को झट से पार कर के जीत गया।

खरगोश को समझ आ गया कि हर एक कि काबिलियत अलग है वो तेज जमीन पर तो दौड़ सकता है पर पानी मे नही। ओर उसने अब कछुए से दोस्ती कर ली। और किसी को भी कमजोर समझना भी छोड़ दिया।

MORAL::OVERCONFIDENCE IS HARMFULL ALWAYS..



कहानी 4।।। दोस्ती की ताकत।।।।


अब खरगोश ओर कछुआ दोस्त है और पक्के दोस्त। इस बार उन्हें बतख ने चुनोती दी रेस के लिये। 

बतख तो उड़ सकती है तैर सकती है और चल भी सकती है। 

कछुए ओर खरगोश ने स्वीकार किया।

रास्ता वही तालाब वाला तय हुआ। अब खरगोश तेज तो दौड़ सकता था पर तालाब नहीं पार कर सकता था। 
कछुआ तालाब तो पार कर सकता था। पर तेज दौड़ नही सकता था।

लेकिन कछुआ बहुत समझदार था। रेस शुरू हुई ।

खरगोश तेज भाग रहा था। पर ये क्या कछुआ उसकी पीठ पर बैठा था। 

आगे तालाब आया तो कछुए ने खरगोश को अपनी पीठ पर बैठा लिया। और तालाब पार किया।

अंत मे कछुआ ओर खरगोश बाजी मार गए। ओर बतख हार गई।

MORAL:::: 1::एकता में बल है।।।
                     2::बुद्धिमान हमेशा लोगों को सही सीख देता है।
3:: बुद्धि का प्रयोग कर के मुश्किल से मुश्किल काम किया जा सकता है।
4:: जिंदगी भी कभी ना खत्म होने वाली रेस है जिसमे बुद्धि से दौड़ लगाने के साथ दोस्त के सहयोग की भी जरूरत है।।


धन्यवाद।।
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