बच्चे का अदभुत सपना ।
यह कहानी है बच्चों एक आपके जैसे छोटे, प्यारे ओर नटखट ब्च्चे की। जिसका नाम था राहुल और उसकी उमर थी 4 साल।
वह बहुत शरारत करता था। पूरा दिन इसी कारण उसे डांट पड़ती रहती थी।
एक दिन उसे बहुत ज्यादा डाँट पड़ी क्योंकि उसने आज माचिस की तीली को जलाया जिस से उसका हाथ जल सकता था। पर उसकी माँ ने देख लिया और तीली भुझा कर उसे बहूत डाँटा ओर उसके बाबा ने भी उसे बहुत डांटा।
राहुल बहूत उदास हो कर लेट गया। और रोने लगा। तभी एक परी आई और बोली कि तुम क्यों रो रहे हो।
राहुल ने सारा हाल बताया। इस पर परी बोली मै बच्चों को रोता नही देख सकती तुम क्या चाहते हो।
राहुल ने कहा मैं घर मे अकेले रहना चाहता हूँ। ताकि कोई मुझे कुछ ना कहे ओर मैं खूब मस्ती करू।
परी ने कहा कि ठीक है तुम कल से अकेले ही रहोगे सब गायब हो जायेगें। वह खुश हो गया जब वह सुबह उठा तो उसने देखा कि घर मे कोई भी नही है वो बहुत खुश हो गया क्योंकि अब उसे डांटने के लिये कोई नही था। वो जो चाहे जैसे चाहे कर सकता था।
उसने खूब मस्ती की ओर बहुत शरारते भी की। लेकिन अब उसे भूख लग रही थी। लेकिन उसे खाना नही बनाना नही आता था।
अब उसका मन शरारत से भी भर गया था। वो उदास होने लगा उसे उसकी माँ और बाबा की याद आने लगी।
वह रोने लगा फिर परी आई ऒर कहने लगी अब तुम क्यों रो रहे हो। अब तो तुम अकेले हो तुम्हे कोई नही डाँटेगा।
फिर बच्चा बोला नही मैं समझ गया हूँ माँ बाबा के साथ से ही असली सुख है उनके बिना नही।
अगर वो तीली से मेरा हाथ जल जाता तो मेरा ही नुकसान होता। मुझे माँ बाबा वापस चाहिए और कुछ नहीं चाहिए। मैं अब कभी भी शरारत नहीं करूंगा।
परी ने कहा कि ठीक है। वह खुश हो गया।
तभी आवाज आई राहुल उठ जाओ स्कूल जाना है।
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